हवाई यात्रा अब रोज़ की बात है, पर कभी‑कभी ख़बर में विमान दुर्घटना की खबरें दिखती हैं। ऐसा क्यों होता है? अक्सर लोग सोचते हैं कि उड़ान पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन कुछ तकनीकी या मानव त्रुटियों से हादसे हो सकते हैं। यहाँ हम सरल शब्दों में बतायेंगे कि दुर्घटना के मुख्य कारण क्या होते हैं, तब क्या करना चाहिए और हाल की कुछ खबरें क्या कह रही हैं।
सबसे बड़ा कारण तकनीकी खराबी है – जैसे इंजन फेल होना, नेविगेशन सिस्टम में गड़बड़ी या कंट्रोल सरफेस का टूटना। दूसरा कारण मानव त्रुटि – पायलट की ग़लत फ़ैसला या संचार में कमी। मौसम भी बड़ा खिलाड़ी है; तेज़ हवा, बर्जर या धुंध से पायलट को मुश्किलें होती हैं। इन सबको रोकने के लिए एयरलाइंस नियमित रख‑रखाव, सिम्युलेटर ट्रेनिंग और मौसम मॉनिटरिंग करती हैं। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मानकों (ICAO) से जुड़ी नियमावली हर उड़ान में लागू होती है।
अगर आप कभी ऐसे स्थिति में फँस जाएँ तो घबराएँ नहीं। सबसे पहले सीट बेल्ट ठीक से बांधें और सीटबैक को ऊँचा रखें। फ़्लाइट एवरीज़र की निर्देशों को ध्यान से सुनें – अगर लैंडिंग असफल हो तो निर्देशित होने पर तुरंत इमरजेंसी एक्ज़िट की ओर बढ़ें। बच निकलने के लिए फुर्तीले रहें, लेकिन तेज़ धक्का नहीं देना। यदि संभव हो तो धुएँ या आग के पास के दरवाज़े को खोलें, लेकिन अगर हवा अंदर से आती है तो लिफ़्ट पर ओवरप्रेशर कई बार मदद नहीं करता। सभी सामान छोड़कर बाहर निकलें – जीवन बचाने के लिए समय बहुत महत्वपूर्ण है।
हवा में किसी भी समय, एयरलाइन कंपनियां आपसे कहना चाहती हैं कि आप सुरक्षा डेमॉन्सट्रेशन पर ध्यान दें। उन छोटे‑छोटे संकेतों को याद रखिए, जैसे फ़्लोटिंग एरलाइन ब्रेस्ट या एग्ज़ॉस्ट पोर्ट। एक बार बाहर निकलने के बाद, दूरी बनाकर सुरक्षित जगह पर इकठ्ठा हों और एमीट वॉकर या स्टाफ के निर्देशों का पालन करें।
हाल के वर्षों में भारत में भी कुछ विमान दुर्घटनाएं हुई हैं, जैसे 2023 में दुर्गा से दिल्ली के रास्ते पर छोटे निजी जेट का टकराव, और 2024 में एक टूरिस्ट फ्लाइट का बँझाबन में लैंडिंग फेल होना। इन घटनाओं से सीख लेकर एयरलाइन सुरक्षा ने कई नई प्रक्रियाएं अपनाई हैं – जैसे अधिक रीयल‑टाइम मौसम अपडेट, दोहरी पायलट चेक और नई टर्बाइन टेस्टिंग। जब आप अगली बार बॉन में बैंडिटिंग नहीं करेंगे, तो यही कारण हैं कि उड़ानें पहले से ज़्यादा सुरक्षित हो गई हैं।
अगर आप विमान दुर्घटना की खबरें पढ़ते समय घबराते हैं, तो याद रखें कि हर 1000 उड़ान में केवल एक छोटी‑सी समस्या आती है। यह दर पहले की तुलना में बहुत कम हो गई है क्योंकि तकनीक और प्रशिक्षण दोनों में ज़बरदस्त सुधार हुए हैं। इसलिए, अगली बार जब आप टिकट बुक करेंगे, तो इन बिंदुओं को याद रखें – एयरलाइन के सुरक्षा रिकॉर्ड देखें, फ़्लाइट सेफ़्टी टिप्स पढ़ें और हमेशा फ़्लाइट एवरीज़र की बात सुनें। सुरक्षित उड़ान के लिए यही सबसे बड़ा फॉर्मूला है।
मैंने अपने ब्लॉग में चर्चा की है कि क्या ये संभव है कि कोई मध्य-वायु टकराव विमान दुर्घटना में जिंदा बच सके? वैसे तो यह बहुत ही कठिन सवाल है, लेकिन हमें हमेशा आशा रखनी चाहिए क्योंकि चमत्कार हमेशा हो सकते हैं! हाँ, जी हाँ, यह बिलकुल संभव है, भले ही ऐसा होने की संभावना बहुत कम हो, लेकिन नमुमकिन नहीं है। उम्मीद हमेशा जिंदा रखनी चाहिए, चाहे विमान दुर्घटना हो या जीवन की किसी और कठिनाई का सामना। अंत में, हमेशा याद रखें, हमारी सुरक्षा हमारे ही हाथों में है, तो हमेशा सुरक्षित उड़ान की आदत डालें। (आगे पढ़ें)