नवरात्रि हर साल हमें माँ दुर्गा के नौ रूपों का जश्न मनाने का मौका देती है। 2022 में भी यह त्योहार बड़े धूमधाम से आने वाला है और कई घरों में अलग‑अलग परंपराएँ चलती हैं। अगर आप भी इस बार नवरात्रि को खास बनाना चाहते हैं तो पढ़िए नीचे की आसान टिप्स।
पहला दिन दुर्गा के नव रूपों में से शैल्पी रूप को समर्पित होता है। घर में साफ‑सफ़ाई कर के दुपहिया या रोटी‑भात के साथ हल्का नाश्ता रखें और फिर मां के सामने छोटा दीपक जलाएँ। व्रत रखने वाले लोग आमतौर पर उपवास के दौरान फल, सूखा मेवा और घी‑की‑रोटी खाते हैं। रोज़ दो बार स्नान करना, सवेरे और शाम को गीता पढ़ना या माँ के मंत्र जपना शक्ति बढ़ाता है।
दूसरे और तीसरे दिन के लिए अलग‑अलग मंत्र होते हैं, पर सबसे आसान तरीका है कि आप हर दिन माँ के नाम से शरद‑त्रिकालीन गीत गा लें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और बच्चों को भी उत्सव का मज़ा मिलता है।
नवरात्रि में भोजन का अपना एक अलग महत्व है। शुष्क फल, फली, कुटी‑कुटी और नारियल की मिठाइयाँ सबसे लोकप्रिय हैं। अगर आप कुछ नया ट्राइ करना चाहते हैं तो 'कुंदे की पूड़ी' या 'बेसन‑के-लड्डू' बना सकते हैं—दोनों आसान और तेज़ तैयार होते हैं।
सजावट के लिए लाल, नारंगी और पीले रंग के कागज़ के फूल, धागे और छोटी रश्मियाँ लगाएँ। माँ के प्रतिमा के सामने एक छोटा आयाम (Altar) बनाकर उसमें मोमबत्तियाँ, फल‑फूल और अंकित वस्तुएँ रखें। यह न सिर्फ नजर को भाता है, बल्कि पूजा की भावना को भी बढ़ाता है।
अगर आपके पास बड़े कमरे में जगह है तो आप 'फेरिया' खेल भी आयोजित कर सकते हैं। इसमें प्रत्येक दिन के बाद माँ की तस्वीर बदलते रहें, इससे बच्चों को उत्सव की रोज़ की नई भावना मिलती है।
हर दिन के बाद घर की साफ‑सफ़ाई न भूलें—विचार है कि शुद्ध वातावरण में माँ की कृपा बहती है। वैक्यूम क्लीनर की जगह झाड़ू‑पोंछा, फिर नयी कपड़े धुलवाएँ और घर में ताज़ा हवा रखें।
आखिर में, नवरात्रि के नौवें दिन, विजयादशमी, माँ के साथ साथ अर्जुन जी के स्वरूप को भी याद करें। घर में मिठाई की थाली रखें और सभी को साथ में बांटें। इससे एकता और प्यार का माहौल बनता है।
तो इस नवरात्रि 2022 में, बस इन छोटे‑छोटे कदमों को अपनाएँ—साफ‑सुथरा घर, मन लगाकर पूजा, और स्वादिष्ट थाली। आप देखेंगे कि आपका उत्सव और भी रंगीन और यादगार बन जाएगा।
नवरात्रि का दूसरा दिवस माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। इस लेख में देवी का स्वरूप, महत्व और विस्तृत पूजा विधि साथ ही विशेष भोग, रंग व शास्त्रगीतों की जानकारी दी गई है। सही वैधियों से इस दिन की पूजा करने से आध्यात्मिक लाभ और शांति मिलती है। (आगे पढ़ें)