हर किसी को कभी न कभी आपातस्थिति का सामना करना पड़ता है – बाढ़, भूकंप, या बस अचानक बिजली कटना। ऐसे में तैयार रहना फरक पैदा करता है. इस लेख में हम ऐसे कदम बताएँगे जो आसान हैं और तुरंत लागू हो सकते हैं.
सबसे पहले एक छोटा आपातकालीन किट तैयार करें. इसमें पानी की बोतलें (कम से कम 3 दिन के लिए), हाई‑एnergy बार या सूखा फल, टॉर्च, बैटरी, मल्टी‑टूल और प्राथमिक उपचार किट रखें. इन सब को एक बैकपैक में जमा कर रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी से ले जा सकें.
घर के दरवाज़े और खिड़कियों को मजबूत करने के लिए बेसिक रिवेट या स्टील टेप लगा दें. अगर आप फर्श पर रबर मैट या एंटी‑स्लिप टेप लगाते हैं तो फिसलन कम होगी, खासकर बरसात में.
सूचना स्रोत भी बहुत ज़रूरी है. एक पावर बॅकअप वाला रेडियो या मोबाइल में ऑफ़लाइन न्यूज़ ऐप रखें. जब मोबाइल नेटवर्क नहीं चले, तो रेडियो से अपडेट मिल सकते हैं.
भूकंप आए तो सबसे पहले डेस्क के नीचे या दरवाज़े के फ्रेम में छिप जाएँ. लिफ़्ट और बाहर जाने की कोशिश न करें; अस्थायी ढाँचा के नीचे सुरक्षित रहना बेहतर है.
बाढ़ के समय ऊँचा स्थान खोजें. अगर आपके पास दो‑तीन मीटर ऊँचा कमरा नहीं है, तो छत पर जाना सुरक्षित रहता है. हमेशा पानी से बचने वाले जूते और रेनकोट रखें.
आग लगने की स्थिति में, घर से जल्दी बाहर निकलें, लेकिन अपने सिर को कपड़े या ब्लैंकेट से ढँकें ताकि धुआँ कम पहुँचे. अगर आप उलटा हॉल में फँसे हों, तो भरपूर हवा के लिए खिड़की खोलें और सीमेंट की दरारों से बाहर निकलने की कोशिश करें.
डिशवॉशर, गेस स्टोव या इलेक्ट्रिक उपकरणों के पास पानी या गैस की लीक न हो, इसकी नियमित जाँच करें. छोटे-छोटे लीक को जल्दी ठीक करने से बड़े हादसे बचते हैं.
भोजन की बात करें तो नॉन‑परिशेबल फूड और इन्स्टेंट नूडल्स को प्राथमिकता दें. ये कम पानी में भी जल्दी तैयार हो जाते हैं. साथ ही, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत जैसे पोर्टेबल सोलर चार्जर रखें; इससे मोबाइल और छोटा‑फ्रिज चलता रहेगा.
पेड़, पौधे या छत पर सौर पैनल लगाकर बिजली का बैकअप तैयार किया जा सकता है. यह खर्चीला नहीं, लेकिन आपदा के समय बहुत मदद करता है.
सुरक्षा के लिए एक आसान नियम याद रखें: "तीन‑तीन‑तीन" – 3 मिनट में एमारजेंसी को ट्रिगर करो, 3 मीटर दूर सुरक्षित स्थान ढूँढो, 3 घंटे में प्राथमिक उपचार करो.
इन टिप्स को अपनी रोज़मर्रा की रोज़ की लिस्ट में जोड़ दें. एक बार अभ्यास कर लें, तो असली आपदा में दहलीज पर नहीं फिसलेंगे. याद रखें, तैयार रहना ही जीवित बचने का पहला कदम है.
मैंने अपने ब्लॉग में चर्चा की है कि क्या ये संभव है कि कोई मध्य-वायु टकराव विमान दुर्घटना में जिंदा बच सके? वैसे तो यह बहुत ही कठिन सवाल है, लेकिन हमें हमेशा आशा रखनी चाहिए क्योंकि चमत्कार हमेशा हो सकते हैं! हाँ, जी हाँ, यह बिलकुल संभव है, भले ही ऐसा होने की संभावना बहुत कम हो, लेकिन नमुमकिन नहीं है। उम्मीद हमेशा जिंदा रखनी चाहिए, चाहे विमान दुर्घटना हो या जीवन की किसी और कठिनाई का सामना। अंत में, हमेशा याद रखें, हमारी सुरक्षा हमारे ही हाथों में है, तो हमेशा सुरक्षित उड़ान की आदत डालें। (आगे पढ़ें)