अमित शाह भारत के सबसे चर्चित राजनेताओं में से एक हैं। उनका नाम सुनते ही कई लोग भाजपा, चुनाव और बड़े निर्णय याद करते हैं। अगर आप भी उनके काम-काज को समझना चाहते हैं तो यहाँ हर पहलू पर आसान भाषा में बात करेंगे।
पहले उन्हें एक छोटे स्तर के नेता के रूप में देखा जाता था, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के साथ साझेदारी ने उनका करियर बदल दिया। तब से वह पार्टी के रणनीतिक दिमाग बन गए। उन्होंने कई बड़े चुनावों में भाजपा को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई, चाहे वो राज्य स्तर हो या राष्ट्रीय।
उनकी सबसे बड़ी ताकत है चुनावी रणनीति बनाना। विभिन्न वर्गों को समझकर गठजोड़ करना और सामाजिक मुद्दों को मुख्यधारा में लाना उनकी खासियत है। यही कारण है कि कई बार विपक्षी दलों को भी उनके कदमों का अनुमान नहीं लग पाता।
हाल के टाइम में उन्होंने कई नीतियों को तेज किया। उदाहरण के तौर पर, GST दरों में बदलाव के समय उन्होंने उद्योग के साथ मिलकर काम किया, ताकि छोटे वाणिज्यियों को ज्यादा बोझ न पड़े। इसी तरह, वह सुरक्षा मामलों में भी सक्रिय रहे, खासकर आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने पर ध्यान देने के लिए।
इसी दौरान उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक था मतदाता सूची को अपडेट करना, जिससे अधिक लोगों को सही जगह वोट डालने का मौका मिला। इससे चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ी और मतदाता जागरूकता भी बढ़ी।
वर्तमान में अमित शाह केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाल रहे हैं। उनका काम सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि नीति बनाना और उसे जमीन पर उतारना भी है। इसलिए अक्सर मीडिया उन्हें ‘परिवर्तन के कर्टन’ कह कर संबोधित करता है।
उनकी सार्वजनिक छवि भी महत्वपूर्ण है। कुछ लोग उन्हें सख़्त और दृढ़ रक्षक मानते हैं, जबकि कुछ आलोचक कहते हैं कि उनका तरीका अक्सर कठोर हो जाता है। लेकिन जनता के बीच उनकी लोकप्रियता अभी भी काफी मजबूत है, खासकर युवा वर्ग में।
यदि आप अमित शाह के भविष्य के कदमों के बारे में उत्सुक हैं, तो प्रमुख खबरों पर नज़र रखें। उनकी अगली बड़ी योजना शायद डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाना या फिर आर्थिक सुधारों को तेज करना हो सकता है। इस तरह के संकेत अक्सर उनके सार्वजनिक बयानों में मिलते हैं।
समाप्ति में, अमित शाह की राजनीति को समझने के लिए चाहिए कि आप उनके मुख्य काम—जैसे चुनावी रणनीति, कानून निर्माण और सार्वजनिक संवाद—पर ध्यान दें। यही आपको साफ़ तस्वीर देगा कि वह भारतीय राजनीति में आगे कहाँ ले जा सकते हैं।
अमित शाह ने वार्तालाप में बताया कि कश्मीर के लिए आर्टिकल 370 के अनावश्यक हटाए जाने से कोई फायदा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों ने देश की सुरक्षा और विश्वास को लेकर अपना क़दम उठाया है। उन्होंने कहा कि अगर आर्टिकल 370 वापस लाया जाता है तो केवल न्याय को सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश को कश्मीर के बारे में अधिक स्वागत करना चाहिए। (आगे पढ़ें)